ऊंट और जैकल की कहानी
एक घने जंगल में ऊंट और सियार रहते थे।
वे अच्छे दोस्त थे। वे एक नदी के पास रहते थे। एक दिन सियार को पता चला कि नदी के उस पार पके हुए खरबूजे का खेत है।
उसके मुंह में पानी आ गया। लेकिन वह नदी पार नहीं कर सका। वह ऊंट के पास गया और उसे खरबूजे के बारे में बताया, ऊंट को खरबूजे खाने का भी लालच था।
ऊंट ने सियार को अपनी पीठ पर लादकर नदी पार किया।
दोनों मैदान में पहुंचे। वे खरबूजे खाने लगे।
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सियार जोर-जोर से रोने लगा। मैदान का मालिक दौड़ता हुआ आया और ऊंट को पीटने लगा।
जब मालिक दूर चला गया तो ऊंट ने गीदड़ से पूछा कि वह कैसा हो गया है। गीदड़ ने जवाब दिया, "भारी भोजन के बाद हॉवेल करना मेरी आदत है"।
फिर दोनों नदी पर लौट आए। और ऊंट की पीठ पर सियार कूद गया।
जब वे पानी के बीच में था, तो ऊंट पानी में लुढ़कने लगा। सियार ने कहा, "तुम पानी में क्यों लुढ़क रहे हो?" ऊंट ने जवाब दिया, "भारी भोजन के बाद पानी में लुढ़कना मेरी आदत है"। गीदड़ शायद ही खुद को बचा सके।
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